Yahan Main Ajnabi Hoon

ANANDJI KALYANJI, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH

कभी पहले देखा नहीं ये समां
ये में भूल से आगया हु कहा
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू
मै जो हू बस वही हू, मै जो हू बस वही हू
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू

कहा शाम-ओ-शहर यह कहा दिन-रात मेरे
बहुत रुसवा हुए हैं, यहा जसबात मेरे
नई तहरीब है यह, नया है यह जमाना
मगर मे आदमी हू वही सदियो पुराना
मै क्या जानू यह बाते, ज़रा इंसाफ़ करना
मेरी गुस्ताखियो को खुदारा माफ़ करना
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू

तेरी बाहो मे देखु सनम गैरो की बाहे
मै लवँगा कहा से भला ऐसी निगाहे
यह कोई रकस होगा, कोई दस्तूर होगा
मुझे दस्तूर ऐसा कहा मंजूर होगा
भला कैसे यह मेरा लहू हो जाए पानी
मै कैसे भूल जाउ मै हू हिन्दुस्तानी
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू

मुझे भी है शिकायत, तुझे भी तो गीला है
यही शिकवे हमारी मोहब्बत का सिला है
कभी मगरिब से मशरिक मिला है जो मिलेगा
जहाँ का फूल है जो वही पे वो खिलेगा
तेरे उँचे महल मे नही मेरा गुज़रा
मुझे याद आ रहा है वो छोटा सा शिकारा
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू
मै जो हू बस वही हू, मै जो हू बस वही हू
यहा मै अजनबी हू, यहा मै अजनबी हू

Curiosidades sobre la música Yahan Main Ajnabi Hoon del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Yahan Main Ajnabi Hoon” de Mohammed Rafi?
La canción “Yahan Main Ajnabi Hoon” de Mohammed Rafi fue compuesta por ANANDJI KALYANJI, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH.

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