Woh Hai Zara Khafa Khafa [Revival]
वो हैं ज़रा खफा ख़फा
तो नैन यूँ चुराए हैं
के हो
वो हैं ज़रा खफा ख़फा
तो नैन यूँ चुराए हैं
के हो हो हो
ना बोल दूँ तो क्या करूँ
वो हँस के यूँ बुलाए हैं
के हो हो हो हो
हम्म हम्म म्म म्म म्म
हँस रही है चांदनी
मचल के रो ना दूँ कहीं
ऐसे कोई रूठता नहीं
ये तेरा ख़याल है
करीब आ मेरे हसीं
मुझको तुझसे कुछ गिला नहीं
बात यूँ बनाए हैं
के हो हो हो हो
वो हैं ज़रा खफा ख़फा
तो नैन यूँ चुराए हैं
के हो हो हो हो
फूल को महक मिले
ये रात रंग में ढले
मुझसे तेरी जुल्फ गर खुले
तुम ही मेरे संग हो
गगन की छाँव के तले
ये रुत यूँ ही भोर तक चले
प्यार यूँ जताए हैं
के ओ हो हो हो हो
ना बोल दूँ तो क्या करूँ
वो हँस के यूँ बुलाए हैं
के हो हो हो हो
ऐसे मत सताइए
ज़रा तरस तो खाइए
दिल की धड़कन मत जगाइए
कुछ नहीं कहूँगा मैं
ना अन्खड़ियाँ झुकाइए
सर को काँधे से उठाइये
ऐसे नींद आये है
म्म्म म्म म्म म म म
ओ
वो हैं ज़रा खफा ख़फा
तो नैन यूँ चुराए हैं
के हो हो हो हो
के हो हो हो हो (के हो हो हो हो)
वो हैं ज़रा खफा ख़फा (हो हो हो)
तो नैन यूँ चुराए हैं (हो हो हो)
के हो हो हो हो (ना बोल दूँ तो क्या करूँ)
के हो हो हो हो (वो हँस के यूँ बुलाए हैं)
के हो हो हो हो (के हो हो हो हो)