Tumhari Zulf Ke Saye Mein [Revival]

Azmi Kaifi, Madan Mohan

तुम्हारी ज़ुल्फ़ केसाये में शाम कर लूगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ केसाये में शाम कर लूगा
सफ़र इस उम्र का पल में तमाम कर लुंगा

नज़र मिलाई तो पूछूँगा इश्क़ का अंजाम
नज़र मिलाई तो पूछूँगा इश्क़ का अंजाम
नज़र झुकायी खाली सलाम कर लुंगा
नज़र झुकायी खाली सलाम कर लुंगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साये में शाम कर लूगा

ज़हने-ये-दिल ऐ हुकूमत तुम्हें मुबारक हो
ज़हने-ये-दिल ऐ हुकूमत तुम्हें मुबारक हो
रही शीक्सत तो तो वो अपने नाम करलूंगा
रही शीक्सत तो तो वो अपने नाम करलूंगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साये में शाम कर लूगा
सफ़र इस उम्र का पल में तमाम कर लुंगा

Curiosidades sobre la música Tumhari Zulf Ke Saye Mein [Revival] del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Tumhari Zulf Ke Saye Mein [Revival]” de Mohammed Rafi?
La canción “Tumhari Zulf Ke Saye Mein [Revival]” de Mohammed Rafi fue compuesta por Azmi Kaifi, Madan Mohan.

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