Thahriye Hosh Mein Aa Loon [Revival]

MAJROOH SULTANPURI, N/A KHAIYYAAM

ठहरिये होश में आलूँ तो चले जाइयेगा
हम्म ह्म
आपको दिल में बिठालूँ तो चले जाइयेगा
हम्म ह्म
आपको दिल में बिठालूँ

कब तलक़ रहियेगा यूँ दूर की चाहत बनके
कब तलक़ रहियेगा यूँ दूर की चाहत बनके
दिल में आ जाइये इक़रार-ए-मुहब्बत बनके
अपनी तक़दीर बना लूँ तो चले जाइयेगा

हम्म ह्म

आपको दिल में बिठालूँ तो चले जाइयेगा
आपको दिल में बिठालूँ

मुझको इक़रार-ए-मुहब्बत पे हया आती है
मुझको इक़रार-ए-मुहब्बत पे हया आती है
बात कहते हुए गरदन मेरी झुक जाती है
देखिये सर को झुका लूँ तो चले जाइयेगा

हम्म ह्म
देखिये सर को झुका लूँ तो चले जाइयेगा

हाय, आपको दिल में बिठालूँ
ऐसी क्या शर्म ज़रा पास तो आने दीजे
ऐसी क्या शर्म ज़रा पास तो आने दीजे
रुख से बिखरी हुइ ज़ुल्फ़ें तो हटाने दीजे
प्यास आँखों की बुझा लूँ तो चले जाइयेगा

ठहरिये होश में आलूँ तो चले जाइयेगा (ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ला ला ला)
आपको दिल में बिठालूँ तो चले जाइयेगा (आपको दिल में बिठालूँ तो चले जाइयेगा)
आपको दिल में बिठालूँ (आपको दिल में बिठालूँ)

Curiosidades sobre la música Thahriye Hosh Mein Aa Loon [Revival] del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Thahriye Hosh Mein Aa Loon [Revival]” de Mohammed Rafi?
La canción “Thahriye Hosh Mein Aa Loon [Revival]” de Mohammed Rafi fue compuesta por MAJROOH SULTANPURI, N y A KHAIYYAAM.

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