Saaz Ho Tum Awaz Hoon Main

Naushad, Khumar Barabankvi

साज़ हो तुम आवाज़ हूँ मैं तुम बिना हो मैं हूँ तार
साज़ हो तुम आवाज़ हूँ मैं तुम बिना हो मैं हूँ तार
रोक सको तोह रोक लो अपनी पायल की झंकार
साज़ हो तुम आवाज़ हूँ मैं

मेरे गीत को गीत न समझो प्यार की है सरगम
मेरे राग के हर एक सुर पे घुँघरू बोले छम छम
प्रीत की लय पर झूम के नाचो अब न करो इंकार
हो औ अब ना करो इंकार
रोक सको तोह रोक लो अपनी पायल की झंकार
साज़ हो तुम आवाज़ हूँ मैं

प्रेम तराने रंग पे आया रूप ने ली अंगड़ाई
ताल पे मन की झांझर झनकी झांझर झनकी छन छन
स नी ध प म ग रे सा नि सा ग म प ग पा नि रे सा पा नि रे सा पा नि रे सा

ताल पे मन की झांझर झनकी पतली कमर बलखाई
कमर बलखाई
सुध बुध खोकर बेसुध होकर नाच उठी गुलनार
हो औ नाच उठी गुलनार
रोक सको तोह रोक लो अपनी पायल की झंकार
साज़ हो तुम आवाज़ हूँ मैं तुम बिना हो मैं हूँ तार
साज़ हो तुम आवाज़ हूँ मैं

तन मन झुमे गगन तोह चुमे प्रीत हुयी मतवाली
प्रीत हुयी मतवाली
आज मिला जीवन से जीवन प्यार ने मंजिल पालि
दिल की बाजी जित के मैंने जित लिया संसार
हो औ जित लिया संसार
रोक सको तोह रोक लो अपनी पायल की झंकार
साज़ हो तुम आवाज़ हूँ मैं

Curiosidades sobre la música Saaz Ho Tum Awaz Hoon Main del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Saaz Ho Tum Awaz Hoon Main” de Mohammed Rafi?
La canción “Saaz Ho Tum Awaz Hoon Main” de Mohammed Rafi fue compuesta por Naushad, Khumar Barabankvi.

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