Phur Se Ud Jati Thi Bulbul

ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

फुर्र से उड़ जाती थी बुल बुल
मेरे हाथ नहीं आती थी बुल बुल
पकड़ी गयी रे देखो जकड़ी गयी
अब बोल बोल बोल बोल बोल
अब बोल बोल बोल बोल बोल बोल
ओ रानी बोल बोल बोल बोल बोल
फुर्र से उड़ जाती थी बुल बुल
मेरे हाथ नहीं आती थी बुल बुल
पकड़ी गयी रे देखो जकड़ी गयी
अब बोल बोल बोल बोल बोल बोल
ओ रानी बोल बोल बोल बोल बोल

रोज तू बहाने पे बहाना बनाती थी
और इस दीवाने को दीवाना बनाती थी
कभी दिल लूट कर कभी यूँ ही रूठ कर
उठ के मेरे पहलू से हाय चली जाती थी
जा के नहीं आती थी दिल तड़पाती थी
पकड़ी गयी
पकड़ी गयी रे देखो जकड़ी गयी
अब बोल बोल बोल बोल बोल
ओ रानी बोल बोल बोल बोल बोल
फुर्र से उड़ जाती थी बुल बुल
मेरे हाथ नहीं आती थी बुल बुल
पकड़ी गयी रे देखो जकड़ी गयी
अब बोल बोल बोल बोल बोल
ओ रानी बोल बोल बोल बोल बोल

आज तेरी बातों में मैं नहीं आऊंगा
हाथों की हत कड़ी हाथो में लगाऊगा
नैनो की डोर से बांध लूंगा जोर से
कठपुतली की तरह तुझ को नचाउंगा
गले से लगाऊंगा मन में बसाऊंगा
पकड़ी गयी
पकड़ी गयी रे देखो जकड़ी गयी
अब बोल बोल बोल बोल
ओ रानी बोल बोल बोल
फुर्र से उड़ जाती थी बुल बुल
मेरे हाथ नहीं आती थी बुल बुल
पकड़ी गयी रे देखो जकड़ी गयी
अब बोल बोल बोल बोल बोल बोल
ओ रानी बोल बोल बोल बोल बोल
ओ याक़ूब बोल बोल बोल बोल बोल

Curiosidades sobre la música Phur Se Ud Jati Thi Bulbul del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Phur Se Ud Jati Thi Bulbul” de Mohammed Rafi?
La canción “Phur Se Ud Jati Thi Bulbul” de Mohammed Rafi fue compuesta por ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA.

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