Phoolon Ki Tarah

DEV KOHLI, BAPPI LAHIRI

आ आ आ आ आ आ आ आ

फूलों की तरह वो हंसती थी

कलियों की तरह मुस्काती थी
वो तुमसे बिलकुल मिलती है
खाबो में मेरे जो आती थी
फूलों की तरह वो हंसती थी
कलियों की तरह मुस्काती थी
वो तुमसे बिलकुल मिलती है
खाबो में मेरे जो आती थी
फूलों की तरह वो हंसती थी

जीवन की धड़कन बनकर वो
छा जाती थी इन साँसों में
और में भी डूबा रहता था
उसकी मतवाली आँखों में
तुम जैसे शरमा जाती हो
ऐसे ही वो शर्माती थी
फूलों की तरह वो हंसती थी

तू मेरे तसव्वुर में आ कर
अक्सर खामोश सी रहती थी
न में तुजसे कुछ कहता था
न तू मुझसे कुछ कहती थी
कुछ मैंने अगर कहना चाहा
तेरी नज़र झुक जाती थी
फूलों की तरह वो हंसती थी

होठों को इजाजत
तुम देदो इज़हार
मोहब्बत का कर लू
कह दो अगर जो आज मुझे
इन बाहों में तुमको भर लू
ये प्यार की सूरत है वही
दिन रात नज़र जो आती थी
फूलों की तरह वो हंसती थी
कलियों की तरह मुस्कुराती थी
वो तुमसे बिलकुल मिलती है
खाबो में मेरे जो आती थी
फूलों की तरह वो हंसती थी

Curiosidades sobre la música Phoolon Ki Tarah del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Phoolon Ki Tarah” de Mohammed Rafi?
La canción “Phoolon Ki Tarah” de Mohammed Rafi fue compuesta por DEV KOHLI, BAPPI LAHIRI.

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