Pagal Zamane Mein

Yogesh, R D Burman

पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल

दुनिया का ये मेला फिर भी मैं अकेला
आँधी में जैसे चिराग
कैसे है यह उलझन के जितना सुलझाए जितना मन
उतना ही उलझे दिमाग़
कातिल तो बुखा मारे कातिल जो चाहे करे
कैसा है मज़ाल
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल

जल में धोबी प्यासा
जब देखा यह तंशा
तब जाके समझा मैं बात
जब तक खुद ना चाहे
नही ढूंदे हम रहे
देता नही कोई साथ
मतलब का है यह जहाँ
इंसान है ऐसे यहा बोले दिन को रत
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल

Curiosidades sobre la música Pagal Zamane Mein del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Pagal Zamane Mein” de Mohammed Rafi?
La canción “Pagal Zamane Mein” de Mohammed Rafi fue compuesta por Yogesh, R D Burman.

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