O Diljaniya

Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri

हो आ गया रे तेरा
बदल प्रीतम हो जानिए न घबरा
तेरे तन की चंडी हर लूगा
सोने के भाव

ओ दिल जानिया
ओ दिल जानिया लगे ना जिया तेरे बिना
गलियों में चौबारों में
ओहो ओहो आहा आहा
बन के चाँदनिआ आजा रे
छुप चुप के
मिलान कब तक अँधिआरा मैं
ओहो ओहो आहा आहा
ओ दिल जानिया

जो मिले था अंधेरोन में
वो दिन के उजाले मिले गा रे
जो मिले था अंधेरोन में
वो दिन के उजाले मिले गा रे
इन बेचें हाथो से ओ प्यारी
तेरा घुंघट उठेगा रे
रोकेगा कैसे कोई ओहो
दल के बाहों में
ले जौंगा तुझको हज़ारों में
ओहो ओहो आहा आहा
ओ दिल जानिया

आजा मॅन की डगर पे तोहे
चबलिया की डाली सी लटकाऊगा
आजा मॅन की डगर तोहे
चमेलिया की डाली सी लटकाऊगा
इन बाहों में भर के तोहे
बिज़ुरिया सी रह रह के चमकाउगा
है अब तो जी में यही ओहो ओहो
ढूँढ के छैया तारों की
मुख चुमू तेरा कहीं
चल के बहारों में
ओहो ओहो आहा आहा
ओ दिल जानिया हा हा
ओ दिल जानिया लगे ना जिया तेरे बिना
गलियों में चौबारों में
ओहो ओहो आहा आहा

Curiosidades sobre la música O Diljaniya del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “O Diljaniya” de Mohammed Rafi?
La canción “O Diljaniya” de Mohammed Rafi fue compuesta por Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri.

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