Na Sharab Se Koi Vaasta

MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN

न शराब से कभी वास्ता(न शराब से कभी वास्ता)
न था सिलसिला कोई जाम से(न था सिलसिला कोई जाम से)
यह तेरी नज़र का कमाल है(यह तेरी नज़र का कमाल है)
के लगा दिया हमे काम से(के लगा दिया हमे काम से)
न शराब से कभी वास्ता(न शराब से कभी वास्ता)
न था सिलसिला कोई जाम से(न था सिलसिला कोई जाम से)
यह तेरी नज़र का कमाल है(यह तेरी नज़र का कमाल है)
के लगा दिया हमे काम से(के लगा दिया हमे काम से)

मौज आयी मचल पड़े
बाहे डाल के चल पड़े
मौज आयी मचल पड़े
बाहे डाल के चल पड़े

काम है क्या खबर नहीं
बेखबर ही निकल पड़े

सवेरे तक हो न जाने क्या(सवेरे तक हो न जाने क्या)
क्यों यह हाल है सभी शाम से(क्यों यह हाल है सभी शाम से)
यह तेरी नज़र का कमाल है(यह तेरी नज़र का कमाल है)
के लगा दिया हमे काम से(के लगा दिया हमे काम से)

देखि जबसे अदा तेरी
सूझे है हरी हरी
हो देखी जबसे अदा तेरी
सूझे है हरी हरी
लगता है नशे में यु
हर गली है गली तेरी

दिए जायेंगे तुझे हम सदा(दिए जायेंगे तुझे हम सदा)
है वदद हमे तेरे नाम से(है वदद हमे तेरे नाम से)
यह तेरी नज़र का कमाल है(यह तेरी नज़र का कमाल है)
के लगा दिया हमे काम से(के लगा दिया हमे काम से)
न शराब से कभी वास्ता(न शराब से कभी वास्ता)
न था सिलसिला कोई जाम से(न था सिलसिला कोई जाम से)
यह तेरी नज़र का कमाल है(यह तेरी नज़र का कमाल है)
के लगा दिया हमे काम से(के लगा दिया हमे काम से)

Curiosidades sobre la música Na Sharab Se Koi Vaasta del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Na Sharab Se Koi Vaasta” de Mohammed Rafi?
La canción “Na Sharab Se Koi Vaasta” de Mohammed Rafi fue compuesta por MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN.

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