Na Satrah Se Upar Na Solah Se Kam

Sonik-Omi, Varma Malik

सदा इतनी उम्र तेरी रहे ओ सनम हा
न सत्रह से ऊपर न सोलह से कम
न सत्रह से ऊपर न सोलह से कम
इसी उम्र में काट जाओ सितम ओ ओ
न सत्रह से
न सत्रह से ऊपर न सोलह से कम
न सत्रह से ऊपर न सोलह से कम

सुरहक होठों पे तिल ये सुहाना है
जैसे कलियों पे सबनम का दाना है
हे सुरहक होठों पे तिल ये सुहाना है
जैसे कलियों पे सबनम का दाना है
ये सबाब है हाय या गुलाब है
हिसाब कोई नहीं ये तो बेहिसाब है
हमेशा रहो तुम खुदा की कसम
हाय हाय हाय न सत्रह से
न सत्रह से ऊपर न सोलह से कम
न सत्रह से ऊपर न सोलह से कम

तुम यूँ ही अपने जलवे लुटाते रहो
और कलेजे पे छुरिया चलाते रहो
हे तुम यूँ ही अपने जलवे लुटाते रहो
और कलेजे पे छुरिया चलाते रहो
ओ लाजवाब हो या कोई ख़्वाब हो
निगाहें टिक न सके जिसपे तुम वो सबाब हो
मुबारक जवानी का पहला कदम ओये होये ओये
न सत्रह से ऊपर न सोलह से कम
न सत्रह से ऊपर न सोलह से कम
इसी उम्र में काट जाओ सितम ओ ओ ओ
न सत्रह से
न सत्रह से ऊपर न सोलह से कम
न सत्रह से ऊपर न सोलह से कम

Curiosidades sobre la música Na Satrah Se Upar Na Solah Se Kam del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Na Satrah Se Upar Na Solah Se Kam” de Mohammed Rafi?
La canción “Na Satrah Se Upar Na Solah Se Kam” de Mohammed Rafi fue compuesta por Sonik-Omi, Varma Malik.

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