Mohabbat Hi Mohabbat Hai

RAJENDRA KRISHAN, LAXMIKANT PYARELAL

मोहब्बत ही मोहब्बत है
जहाँ तुम और जहाँ हम है
मोहब्बत ही मोहब्बत है
जहाँ तुम और जहाँ हम है
चले आओ चले आओ
फुर्सते प्यार की कम है
मोहब्बत ही मोहब्बत है
जहाँ तुम और जहाँ हम है
मोहब्बत ही मोहब्बत है
जहाँ तुम और जहाँ हम है

तलवारों की छाओ में जब
इश्क जवा होता है
तलवारों की छाओ में जब
इश्क जवा होता है
जो प्यार करे वो जाने वो
कैसा शमा होता है
बड़ी खूबसूरत है
मासूम सी नादानी
मोहब्बत ही मोहब्बत है
जहाँ तुम और जहाँ हम है
मोहब्बत ही मोहब्बत है
जहाँ तुम और जहाँ हम है

दिल हमने लुटाया अब जान लुटा देंगे
दिल हमने लुटाया अब जान लुटा देंगे
क्यों मरते है उल्फत में
हम मरके दिखा देंगे
आशिक की मौत तो है हुस्न की जवानी
मोहब्बत ही मोहब्बत है
जहाँ तुम और जहाँ हम है
मोहब्बत ही मोहब्बत है
जहाँ तुम और जहाँ हम है
चले आओ चले आओ
फुर्सते प्यार की कम है
मोहब्बत ही मोहब्बत है
जहाँ तुम और जहाँ हम है
मोहब्बत ही मोहब्बत है
जहाँ तुम और जहाँ हम है

Curiosidades sobre la música Mohabbat Hi Mohabbat Hai del Mohammed Rafi

¿Cuándo fue lanzada la canción “Mohabbat Hi Mohabbat Hai” por Mohammed Rafi?
La canción Mohabbat Hi Mohabbat Hai fue lanzada en 1973, en el álbum “Geeta Mera Naam”.
¿Quién compuso la canción “Mohabbat Hi Mohabbat Hai” de Mohammed Rafi?
La canción “Mohabbat Hi Mohabbat Hai” de Mohammed Rafi fue compuesta por RAJENDRA KRISHAN, LAXMIKANT PYARELAL.

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