Lahoo Ko Lahoo Pukarega [Part 2]
RAJENDRA KRISHAN, LAXMIKANT PYARELAL
ये मत पूछो कांप रहा हे क्यों सैयां का हाथ
ये मत पूछो कांप रहा हे क्यों सैयां का हाथ
अपना फिर भी अपना हे देगा अपने का साथ
कातिल भी
कातिल भी बिस्मिल की खातिर
अपनी जान को वाऱेगा
लहू को लहू पुकारेगा
लहू को लहू पुकारेगा
जनम जनम का बंधन
रग रग में मौजे मरेगा
लहू को लहू पुकारेगा
लहू को लहू पुकारेगा