Kisi Ki Yaad Men Duniya Ko

Madan Mohan, Rajinder Krishnan

हम्म म्म म्म म्म म्म हम्म म्म म्म हम्म
किसी की याद मैं दुनिया को है भुलाये हुए
किसी की याद मैं दुनिया को है भुलाये हुए
जमाना गुजरा है अपना ख्याल आये हुए
जमाना गुजरा है अपना ख्याल आये हुए

बड़ी अजीब ख़ुशी है ग़मे मुहब्बत भी
बड़ी अजीब ख़ुशी है ग़मे मुहब्बत भी
हसीं लबों पे मगर दिल पे चोट खाए हुए
किसी की याद मे दुनिया को है भुलाये हुए

हज़ार परदे हो पहेरे हो या हो दीवारे
हज़ार परदे हो पहेरे हो या हो दीवारे
रहेंगे मेरी नज़र मे तो वो समाये हुए
किसी की याद मे दुनिया को है भुलाये हुए

किसी के हुस्न की बस एक किरण ही काफी है
किसी के हुस्न की बस एक किरण ही काफी है
ये लोग क्यों मेरे आगे है सम्मा लाये हुए
ये लोग क्यों मेरे आगे है सम्मा लाये हुए
किसी में दुनिया को है भुलाये हुए
जमाना गुजरा है अपना ख्याल आये हुए

Curiosidades sobre la música Kisi Ki Yaad Men Duniya Ko del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Kisi Ki Yaad Men Duniya Ko” de Mohammed Rafi?
La canción “Kisi Ki Yaad Men Duniya Ko” de Mohammed Rafi fue compuesta por Madan Mohan, Rajinder Krishnan.

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