Kahin Aesa Na Ho
BRIJ BHUSHAN, NAQSH LYALLPURI
कही ऐसा न हो तुम अजनबी राहों में खो जाओ
मेरे साथी मेरी आवाज़ के पीछे चले आओ
चले आओ चले आओ
परेशान जिंदगी को रास्ता साहिल नजर आये
मुझे फिर प्यार की खोयी हुई मंजिल नजर आये
हवाओ में तुम जरा तुम रेशमी आँचल को लहराओ
मेरे साथी मेरी आवाज़ के पीछे चले आओ
चले आओ चले आओ
न जाने कितनी बार आया गया मौसम बहारों का
मगर अब तक नहीं बदला मुक़द्दर बेकराओ का
सभी गम दूर हो जाये जो तुम एक बार मिल जाओ
मेरे साथी मेरी आवाज़ के पीछे चले आओ
चले आओ चले आओ