Kabhi Sukun Ko

IQBAL, DANISH BAREILVI

आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ

कभी सुकूँ को कभी ग़मगुसार को रोए
कभी सुकूँ को कभी ग़मगुसार को रोए
तमाम उम्र दिल-ए-बेक़रार को रोए

तुम्हारी याद भी जाने लगी दबे पाँव
आ आ आ आ आ आ आ

हम इस तरह से ग़म-ए-रोज़गार को रोए

किसी तरह से मुहब्बत को ज़िंदगी ना मिली

सहर हुई तो शब-ए-इंतज़ार को रोए

किसी की याद में हम रोए इस तरह दानिशी
आ आ आ आ आ आ आ
कि जैसे फूल मैं चमन बहार को रोए
कि जैसे फूल मैं चमन बहार को रोए

Curiosidades sobre la música Kabhi Sukun Ko del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Kabhi Sukun Ko” de Mohammed Rafi?
La canción “Kabhi Sukun Ko” de Mohammed Rafi fue compuesta por IQBAL, DANISH BAREILVI.

Músicas más populares de Mohammed Rafi

Otros artistas de Religious