Jhoote Zamane Bhar Ke

Majrooh Sultanpuri, O P Nayyar

मेरी निगाह ने क्या काम लाजवाब किया
की तुझको लाखो हसींनो में इंतख़ाब किया
झूठे ज़माने भर के हाय जादू कैसा
दार गए मोपे नीची नज़र कर के
हा जीते है मर मर के काहे ऐसे दो न हमें
गोरी टुकड़े जिगर कर कर के
आ आ झूठे ज़माने भर के

मैं बेकरार नहीं प्यार की नज़र के लिए
की तेरे तीर बहुत है मेरे जिगर के लिए आ आ
यहां भी दर्द ए जिगर का इलाज कौन करे
बस इक नज़र तेरी काफी है उम्र भर के लिए
झूठे ज़माने भर के जादू कैसा डार गए मोपे
नीची नज़र कर के
हा हा जीते है मर मर के हाय
ताने ऐसे दो न हमें गोरी टुकड़े जिगर कर के
हा झूठे ज़माने भर के

जब से तूने मेरे दिल का चमन आबाद किया
जब चलि थंडी हवा मैंने तुझे याद किया आ आ
हम तो कहते ही नहीं कुछ मगर
ए जाने ए जहाँ लोग कहते है की तूने हमें

Curiosidades sobre la música Jhoote Zamane Bhar Ke del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Jhoote Zamane Bhar Ke” de Mohammed Rafi?
La canción “Jhoote Zamane Bhar Ke” de Mohammed Rafi fue compuesta por Majrooh Sultanpuri, O P Nayyar.

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