Jane Kahan Mera Jigar Gaya Ji [Revival]

MAJROOH SULTANPURI, ONKAR PRASAD NAYYAR

जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी अभी यहीं था किधर गया जी

किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी बड़ी अँखियों से डर गया जी

अरे जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी अभी यहीं था किधर गया जी

किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी बड़ी अँखियों से डर गया जी

कहीं मारे डर के चूहा तो नहीं हो गया
कहीं मारे डर के चूहा तो नहीं हो गया
कोने कोने देखा न जाने कहाँ खो गया
कोने कोने देखा न जाने कहाँ खो गया

यहाँ उसे लाए काहे को बिना काम रे
जल्दी जल्दी ढूँढो के होने लगी शाम रे
यहाँ उसे लाए काहे को बिना काम रे
जल्दी जल्दी ढूँढो के होने लगी शाम रे

जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी अभी यहीं था किधर गया जी

किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी बड़ी अँखियों से डर गया जी

कोई उल्फ़त की नज़र ज़रा फेर दे
कोई उल्फ़त की नज़र ज़रा फेर दे
ले ले दो चार आने जिगर मेरा फेर दे
ले ले दो चार आने जिगर मेरा फेर दे

ऐसे नहीं चोरी खुलेगी तकरार से
चलो चलो थाने बताएं जमादार से
ऐसे नहीं चोरी खुलेगी तकरार से
चलो चलो थाने बताएं जमादार से

जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी अभी यहीं था किधर गया जी

किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी बड़ी अँखियों से डर गया जी

सच्ची सच्ची कह दो दिखाओ नहीं चाल रे
सच्ची सच्ची कह दो दिखाओ नहीं चाल रे
तूने तो नहीं हैं चुराया मेरा माल रे
तूने तो नहीं हैं चुराया मेरा माल रे

बातें हैं नज़र की नज़र से समझाऊंगी
पहले पड़ो पईयाँ तो फिर बतलाऊंगी
बातें हैं नज़र की नज़र से समझाऊंगी
पहले पड़ो पईयाँ तो फिर बतलाऊंगी

जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी अभी यहीं था किधर गया जी

किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी बड़ी अँखियों से डर गया जी

अरे जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी अभी यहीं था किधर गया जी

किसी की अदाओं पे मर गया जी
बड़ी बड़ी अँखियों से डर गया जी

Curiosidades sobre la música Jane Kahan Mera Jigar Gaya Ji [Revival] del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Jane Kahan Mera Jigar Gaya Ji [Revival]” de Mohammed Rafi?
La canción “Jane Kahan Mera Jigar Gaya Ji [Revival]” de Mohammed Rafi fue compuesta por MAJROOH SULTANPURI, ONKAR PRASAD NAYYAR.

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