Jane Kahan Gayi

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

जाने कहाँ गई
जाने कहाँ गई
जाने कहाँ गई
दिल मेरा ले गई ले गई हो
जाने कहाँ गई
जाने कहाँ गई

देखते-देखते क्या से क्या हो गया
धड़कनें रह गईं दिल जुदा हो गया हाय
दिल जुदा हो गया
जाने कहाँ गई
दिल मेरा ले गई ले गई हो
जाने कहाँ गई
जाने कहाँ गई

आज टूटा हुआ दिल का ये साज़ है
अब वो नग़्में कहाँ सिर्फ़ आवाज़ है हाय
सिर्फ़ आवाज़ है
जाने कहाँ गई
दिल मेरा ले गई ले गई
हो जाने कहाँ गई
जाने कहाँ गई

घुटता रहता न दम जान तो छूटती
काश कहता कोई वो मुहब्बत न थी हाय
वो मुहब्बत न थी
जाने कहाँ गई
दिल मेरा ले गई ले गई हो
जाने कहाँ गई
जाने कहाँ गई

हाल क्या है मेरा आके ख़ुद देख जा
अब तेरे हाथ है जीना मरना मेरा हाय
जीना मरना मेरा
जाने कहाँ गई
दिल मेरा ले गई ले गई हो
जाने कहाँ गई
जाने कहाँ गई
दिल मेरा ले गई ले गई हो
जाने कहाँ गई
जाने कहाँ गई
जाने कहाँ गई
जाने कहाँ गई
जाने कहाँ गई
जाने कहाँ गई

Curiosidades sobre la música Jane Kahan Gayi del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Jane Kahan Gayi” de Mohammed Rafi?
La canción “Jane Kahan Gayi” de Mohammed Rafi fue compuesta por SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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