Husn Se Chand Bhi Sharmaye

RAVI, SHAKEEL BADAYANI

हुस्न से चाँद भी शरमाया है तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है
हुस्न से चाँद भी शरमाया है तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है

हाय इन प्यार में डूबी हुई आँखों की क़सम
हाय इन प्यार में डूबी हुई आँखों की क़सम
आदमी क्या है फ़रिश्तों के बहक जाएँ क़दम
आदमी क्या है फ़रिश्तों के बहक जाएँ क़दम
बिन पिए मुझपे नशा छाया है
तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है
हुस्न से चाँद भी शरमाया है तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है

मुस्कराएँ जो तेरे लब तो बहारें आईं
मुस्कराएँ जो तेरे लब तो बहारें आईं
खिल गए फूल पड़ी तेरी जहाँ परछाईं
खिल गए फूल पड़ी तेरी जहाँ परछाईं
तूने गुलशन मेरा महकाया है
तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है
हुस्न से चाँद भी शरमाया है तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है

Curiosidades sobre la música Husn Se Chand Bhi Sharmaye del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Husn Se Chand Bhi Sharmaye” de Mohammed Rafi?
La canción “Husn Se Chand Bhi Sharmaye” de Mohammed Rafi fue compuesta por RAVI, SHAKEEL BADAYANI.

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