Haye Mehman Kahan
हा हाय मेहमान कहाँ ये ग़म ए जाना होगा
हाय मेहमान कहाँ ये ग़म ए जाना होगा
खाना ए दिल को कोई रोज़ में वीरां होगा
हाय मेहमान
कोसता हूँ जो नसीबों को तो कहता है वो शोख
फिर मोहब्बत ना करेगा अगर इंसा होगा
फिर मोहब्बत ना करेगा अगर इंसा होगा
हाय मेहमान
जिंदगी इश्क में मुश्किल है तो मर जाएंगे
जिंदगी इश्क में मुश्किल है तो मर जाएंगे
अब से वो काम करेंगे के जो आसां होगा
अब से वो काम करेंगे के जो आसां होगा
हाय मेहमान
अब कहा लख्त-ए-जिगर सिनेमे ऐ दीदा-ए-तर
और होगा तो सरे गोशा-ए-दामा होगा
और होगा तो सरे गोशा-ए-दामा होगा
हाय मेहमान कहाँ ये ग़म ए जाना होगा
हाय मेहमान