Do Ghadi Woh Paas Aa Baithe
दो घड़ी वो जो पास आ बैठे
दो घड़ी वो जो पास आ बैठे
हम ज़माने से दूर जा बैठे
हम ज़माने से दूर जा बैठे
दो घड़ी वो जो पास आ बैठे
भूल की उनका हमनशी हो के
रोएगे दिल को उमर भर खो के
भूल की उनका हमनशी हो के
रोएगे दिल को उमर भर खो के
हाय क्या चीज़ थी लूटा बैठे
दो घड़ी वो जो पास आ बैठे
दिल को एक दिन ज़रूर जाना था
वही पहुचा जहा ठिकाना था
दिल को एक दिन ज़रूर जाना था
वही पहुचा जहा ठिकाना था
दिल वही दिल जो दिल मे जा बैठे
दो घड़ी वो जो पास आ बैठे
एक दिल ही था गम गुसर अपना
मेहरबान खास राज़दार अपना
एक दिल ही था गम गुसर अपना
मेहरबान खास राज़दार अपना
गैर का क्यो उसे बना बैठे
दो घड़ी वो जो पास आ बैठे
हम ज़माने से दूर जा बैठे
दो घड़ी वो जो पास आ बैठे