Din Dhal Jaye Haye

SHAILENDRA, S D Burman

आ आ आ आ आ आ आ
दिन ढल जाये हाय
रात ना जाए
तू तो न आए तेरी याद सताये
दिन ढल जाये हाये
रात ना जाए
तू तो न आए तेरी याद सताये
दिन ढल जाये

प्यार में जिनके सब जग छोड़ा
और हुए बदनाम
उनके ही हाथों हाल हुआ ये
बैठे हैं दिल को थाम
अपने कभी थे अब हैं पराये
दिन ढल जाये हाय
रात ना जाए
तू तो न आए तेरी याद सताये
दिन ढल जाये

ऐसी ही रिम झिम ऐसी फ़ुवारें
ऐसी ही थी बरसात
खुद से जुदा और जग से पराये
हम दोनों थे साथ
फिर से वो सावन अब क्यूँ न आये
दिन ढल जाये हाय
रात ना जाए
तू तो न आए तेरी याद सताये
दिन ढल जाये

दिल के मेरे तुम पास हो कितनी
फिर भी हो कितनी दूर
तुम मुझ से मैं दिल से परेशाँ
दोनों हैं मजबूर
ऐसे में किसको कौन मनाये
दिन ढल जाये हाये
रात ना जाय
तू तो न आए तेरी याद सताये
दिन ढल जाये

Curiosidades sobre la música Din Dhal Jaye Haye del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Din Dhal Jaye Haye” de Mohammed Rafi?
La canción “Din Dhal Jaye Haye” de Mohammed Rafi fue compuesta por SHAILENDRA, S D Burman.

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