Dheere Chal Zara

Anand Bakshi

धीरे चल ज़रा
ओ पागल पुरवैया
तू कहे शोर मचाये
तू कहे शोर मचाये
जिनकी किस्मत सो गयी
उनको कौन जगाए
धीरे चल ज़रा
ओ पागल पुरवैया
तू कहे शोर मचाये

सोने दे बेचारो को
इन किस्मत के मारे को
ये वो माझी छोड़ चुके
जो अपनी पतवारो को
सोने दे बेचारो को
इन किस्मत के मारे को
ओ हो हो
धीरे चल ज़रा
ओ पागल नदिया
निंदिया तू क्यों न जाये
जो नय्या में डूब गए
उनको कौन बचाये
धीरे चल ज़रा
ओ पागल पुरवैया
तू कहे शोर मचाये

जीवन रेन बसेरा है
किसका नाम सवेरा है
जलते हुए चिरागो के
नीचे घोर अँधेरा है
ओ हो हो
धीरे चल ज़रा
ओ पागल चँदा
सूरज निकल न आये
जिनके मन का दीप
बुझा उनको कौन बचाये
धीरे चल ज़रा
ओ पागल चँदा
सूरज निकल न आये
सूरज निकल न आये
सूरज निकल न आये

Curiosidades sobre la música Dheere Chal Zara del Mohammed Rafi

¿Cuándo fue lanzada la canción “Dheere Chal Zara” por Mohammed Rafi?
La canción Dheere Chal Zara fue lanzada en 2012, en el álbum “Audiobiography Vol. 2”.
¿Quién compuso la canción “Dheere Chal Zara” de Mohammed Rafi?
La canción “Dheere Chal Zara” de Mohammed Rafi fue compuesta por Anand Bakshi.

Músicas más populares de Mohammed Rafi

Otros artistas de Religious