Chhod Bhi De Manjhdhar Nao

CHITRAGUPTA, RAJINDER KRISHAN

छोड़ भी दे मझधार में नाव
लेकर उसका नाम
पार उतरे या वो डुबोये
जाने अपने काम

आदमी चिराग है उसकी चलेगी क्या
चलती हवा के सामने
तू भी मजबूर है मैं भी मजबूर हूँ
उसकी रजा के सामने हो हो
आदमी चिराग है उसकी चलेगी क्या
चलती हवा के सामने

तेरा काम है यही बस काम किये जा
मत सोच ये तू अन्जाम है क्या
तेरा काम है यही बस काम किये जा
मत सोच ये तू अन्जाम है क्या
वो कांटो के सेज दे या फूलों की
झुकने के सिवा तेरा काम है क्या
झुकने के सिवा तेरा काम है क्या
आदमी चिराग है उसकी चलेगी क्या
चलती हवा के सामने हो हो
तू भी मजबूर है मैं भी मजबूर हूँ
उसकी रजा के सामने

कई डूब के भवर में भी बच निकले
कई रह गए डूब के किनारे पर
कई डूब के भवर में भी बच निकले
कई रह गए डूब के किनारे पर
वो नदी है या नाव या आँधी हो
सभी चलते है उसके इशारे पर
सभी चलते है उसके इशारे पर
आदमी चिराग है उसकी चलेगी क्या
चलती हवा के सामने हो हो
तू भी मजबूर है मैं भी मजबूर हूँ
उसकी रजा के सामने

Curiosidades sobre la música Chhod Bhi De Manjhdhar Nao del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Chhod Bhi De Manjhdhar Nao” de Mohammed Rafi?
La canción “Chhod Bhi De Manjhdhar Nao” de Mohammed Rafi fue compuesta por CHITRAGUPTA, RAJINDER KRISHAN.

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