Chale The Saath [Revival]

AKHTAR ROMANI, KALYANJI ANANDJI, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH

चले थे साथ मिल के
चलेंगे साथ मिल कर
चले थे साथ मिल के
चलेंगे साथ मिल कर
तुम्हें रुकना पड़ेगा
मेरी आवाज़ सुन कर
चले थे साथ मिल के
चलेंगे साथ मिल कर
तुम्हें रुकना पड़ेगा
मेरी आवाज़ सुन कर
चले थे साथ मिल के

ओ हमारी जान लेंगी
तुम्हारी ये अदाएँ
हमें जीने ना देंगी
तुम्हारी ये निगाहें
समझ लो बात दिल की
तुम्हें देंगे दुआएँ
चले थे साथ मिल के
चलेंगे साथ मिल कर
तुम्हें रुकना पड़ेगा
मेरी आवाज़ सुन कर
चले थे साथ मिल के

बड़ा प्यासा है ये दिल
इसे मदहोश कर दो
भड़क उठे हैं शोले
इन्हें ख़ामोश कर दो
हमारा होश ले लो
हमें बेहोश कर दो
चले थे साथ मिल के
चलेंगे साथ मिल कर
तुम्हें रुकना पड़ेगा
मेरी आवाज़ सुन कर
चले थे साथ मिल के

Curiosidades sobre la música Chale The Saath [Revival] del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Chale The Saath [Revival]” de Mohammed Rafi?
La canción “Chale The Saath [Revival]” de Mohammed Rafi fue compuesta por AKHTAR ROMANI, KALYANJI ANANDJI, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH.

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