Bulbul Ko Gul Pasand Hai

Prem Warwartani

बुलबुल को गुल पसंद है
गुल को है बू पसंद
परवाने को है शम्मा के
जलने की खु पसंद
तेरी पसंद क्या है ये मुझको खबर नही
मेरी पसंद ये है की मुझको है तू पसंद

तेरा शबाब नूर के साँचे मे क्या ढला
सूरज चिराग लेके तुझे ढूँढने चला
मैं तो हूं क्या के सारे जहाँ को है तू पसंद
जहाँ को है तू पसंद
तेरी पसंद क्या है ये मुझको खबर नही
मेरी पसंद ये है के मुझको है तू पसंद
मेरी पसंद ये है के मुझको है तू पसंद

ए मेरे चाँद ए मेरी मोहब्बत के आसमा
जो बात तुझमे है वो किसी हूर मे कहाँ
केह दूँगा मैं खुदा से भी मुझको है तू पसंद
मुझको है तू पसंद
तेरी पसंद क्या है ये मुझको खबर नही
मेरी पसंद ये है के मुझको है तू पसंद
मेरी पसंद ये है के मुझको है तू पसंद

Curiosidades sobre la música Bulbul Ko Gul Pasand Hai del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Bulbul Ko Gul Pasand Hai” de Mohammed Rafi?
La canción “Bulbul Ko Gul Pasand Hai” de Mohammed Rafi fue compuesta por Prem Warwartani.

Músicas más populares de Mohammed Rafi

Otros artistas de Religious