Assi Baras Ka Budha Baba
अस्सी बरस का बुद्धा बाबा करने चला है आज लगान
मौत के पंजे से बचने की ब्याहने चला है नई दुल्हन
अस्सी बरस का बूढ़ा
बालो मे काली स्याही लगाए
अजी वस्त्रो से वो अंग छुपाए
डगमग डगमग नाद हिलाए
ठुमक ठुमक कर पाव बढ़ाए
मौत की रानी खड़ी पुकार क्या मान मे हो रहा मगन
अस्सी बरस का बुद्धा बाबा करने चला है आज लगान
अस्सी बरस का बूढ़ा
पाद पदोषी कहे दीवाना
अजी बूढ़े का कुछ नहीं ठिकाना
लड़की के लड़के आ बोले ब्याहने चले भाई नानी नाना
लड़को के लड़के बोले बूढ़े बाबा को फिर आया बचपन
अस्सी बरस का बुद्धा बाबा करने चला है आज लगान
अस्सी बरस का बूढ़ा
वो कस के कमर त्यार हुआ झट घोड़े पे सॉवॅर हुआ
बेंट लगी घोड़ा बिडका बूढ़े का बेड़ा पार हुआ
शादी के तराने बंद हुए शादी के तराने
शादी के तराने बंद हुए छोतरफ़ा फैल गया मातम
अस्सी बरस का बुद्धा बाबा करने चला था नया लगान
अस्सी बरस का बूढ़ा
चौड़ी से बन गई चीता और जमे से बन गया कफ़न
और प्यज़ामे का बन गया कफ़न
बाँध बूंधने चले बरती और
लड़के करे सब किरया करम
सगे संभँढी खाए लड्डू सगे संभँढी
सगे संभँढी खाए लड्डू सबकी दूर हुई उलझन
अस्सी बरस का बुद्धा बाबा करने चला था नया लगान
अस्सी बरस का बूढ़ा
लड़की का ले नाम किया था मॅट पिता ने लेकर धन
अजी मॅट पिता ने लेकर धन
बूढ़े की सुन कर के मरट्यू वो भी मानने लगे जशन
कर दी जवान से शादी
कर दी जवान से शादी उसकी लड़की का खुल गया कर्म
अस्सी बरस का बुद्धा बाबा करने चला था नया लगान
अस्सी बरस का बूढ़ा
धन के लोभी सोचो समझो पैसो पेर मत बेचो धर्म
अजी पैसो पेर मत बेचो धर्म
ग़रीब गाए से कन्या पर कस्सैई का मत करो करम
अपना जीवन मारन सुधरो
अपना जीवन मारन सुधरो बार बार कहते है हम
अस्सी बरस का बुद्धा बाबा करने चला था नया लगान
अस्सी बरस का बूढ़ा