Aji Qibla

Majrooh Sultanpuri, O P Nayyar

अजी क़िब्ला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा
इस आप के अंदाज़ का हाय क्या कहना
अजी क़िब्ला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा
इस आप के अंदाज़ का हाय क्या कहना
अजी क़िबला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा

उफ़ यह गुस्सा काली आँखें हो रही है गुलाबी
आप की तो यह अदा है और किसी की खराबी
अरे रे मैंने तुम्हे देखा सिर्फ देखा मानिये कहना
मैंने तुम्हे देखा सिर्फ देखा मानिये कहना
अजी क़िब्ला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा
इस आप के अंदाज़ का हाय क्या कहना
अजी क़िब्ला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा

आरज़ू थी चाँद लम्हे यूं ही चलते फिरते
बेतक़ल्लुफ़ होक तुमसे चाँद बातें करते
अरे रे तुम जो हसीं थे दिल ने चाहा साथ ही रहना
तुम जो हसीं थे दिल ने चाहा साथ ही रहना
अजी क़िब्ला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा
इस आप के अंदाज़ का हाय क्या कहना
अजी क़िब्ला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा

Curiosidades sobre la música Aji Qibla del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Aji Qibla” de Mohammed Rafi?
La canción “Aji Qibla” de Mohammed Rafi fue compuesta por Majrooh Sultanpuri, O P Nayyar.

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