Ajab Hai Dastan Teri Ae Zindagi

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

अजब है दास्ताँ तेरी ऐ ज़िन्दगी
अजब है दास्ताँ तेरी ऐ ज़िन्दगी
कभी हँसा दिया रूला दिया कभी
अजब है दास्ताँ तेरी ऐ ज़िन्दगी
कभी हँसा दिया रूला दिया कभी
अजब है दास्ताँ तेरी ऐ ज़िन्दगी

तुम आईं माँ की ममता लिए तो मुस्कुराए हम
कि जैसे फिर से अपने बचपन में लौट आए हम
तुम्हारे प्यार के तुम्हारे प्यार के
इसी आँचल तले
फिरसे दीपक जले फिरसे दीपक जले
ढला अँधेरा जगी रोशनी
अजब है दास्ताँ तेरी ऐ ज़िन्दगी
कभी हँसा दिया रूला दिया कभी
अजब है दास्ताँ तेरी ऐ ज़िन्दगी

मगर बड़ा ही संगदिल है ये मालिक तेरा जहां
यहाँ माँ बेटों पे भी लोग उठाते हैं उँगलियाँ
कली ये प्यार की कली ये प्यार की
झुलस के रह गई
हर तरफ आग थी
हर तरफ आग थी
हँसाने आई थी रुलाकर चली
अजब है दास्ताँ तेरी ऐ ज़िन्दगी
कभी हँसा दिया रूला दिया कभी
अजब है दास्ताँ तेरी ऐ ज़िन्दगी

Curiosidades sobre la música Ajab Hai Dastan Teri Ae Zindagi del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Ajab Hai Dastan Teri Ae Zindagi” de Mohammed Rafi?
La canción “Ajab Hai Dastan Teri Ae Zindagi” de Mohammed Rafi fue compuesta por SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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