Ae Dil Tu Na Dar Is Jahan Se

Hasrat Jaipuri

चिंपकिचिंपाक रामपक रामपक
ए दिल तू ना डर इस जहाँ से
ए दिल तू ना डर इस जहाँ से
ये दम जवानी दौलत रे आएँगे फिर कहा
ये दम जवानी दौलत रे आएँगे फिर कहा
ए दिल तू ना डर इस जहाँ से
ए दिल तू ना डर इस जहाँ से

कहने लगी झूम कर रात भी
परवाह ना कर तू किसी बात की
कहने लगी झूम कर रात भी
परवाह ना कर तू किसी बात की
अब चाहे तुझसे बदले रे
जमी और आस्मा
अब चाहे तुझसे बदले रे
जमी और आस्मा
ए दिल तू ना डर इस जहाँ से
ए दिल तू ना डर इस जहाँ से

शोला बुझा आग का आग से
लेले मज़ा मद भरे राग से
शोला बुझा आग का आग से
लेले मज़ा मद भरे राग से
क्या जाने कल क्या होगी इन बहारो की अदा
क्या जाने कल क्या होगी इन बहारो की अदा
ए दिल तू ना डर इस जहाँ से
ए दिल तू ना डर इस जहाँ से

बहके कदम कह रहे है तुझे
बढ़ते रहे ज़िंदगी के नशे
बहके कदम कह रहे है तुझे
बढ़ते रहे ज़िंदगी के नशे
अरे कहने दे जमाना तुझको कहदे जो बुरा
अरे कहने दे जमाना तुझको कहदे जो बुरा
आए दिल तू ना दर इस जहाँ से
आए दिल तू ना दर इस जहाँ से
ये दम जवानी दौलत रे आएँगे फिर कहा
ये दम जवानी दौलत रे आएँगे फिर कहा
ए दिल तू ना डर इस जहाँ से
ए दिल तू ना डर इस जहाँ से

Curiosidades sobre la música Ae Dil Tu Na Dar Is Jahan Se del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Ae Dil Tu Na Dar Is Jahan Se” de Mohammed Rafi?
La canción “Ae Dil Tu Na Dar Is Jahan Se” de Mohammed Rafi fue compuesta por Hasrat Jaipuri.

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