Aapno Se Munh Mod Ke
Anand Bakshi
अरे अपनों से मुँह मोड़ के
अपने मैं को तोड़ के
कौन से देश चले बहिया
ये घर ये गओ छोड़ के
जान यहाँ भी जायेगी
अरे जान यहाँ भी जायेगी
जान वहां भी जायेगी
भाग रहे हो बुजदील क्यूँ
भाग रहे हो बुजदील क्यूँ
मैदान से मैदान से
मैदान से