Aaj Rituon Ka Raja
सन सनन सनन सन सनन न न चले पवन
झन झनन झन न झन झ न न न झूमे गगन
खन खननन खनन ख न न न न खन बाजे कंगन
मन आज मगन लगे लागी लगन सोहे संग सजन
अंग अंग मगन मस्ती में लहराया मस्ती में लहराया
छाया धरती पे ये यौवन छाया
आज ऋतुओं का राजा आया
छाया धरती पे ये यौवन छाया
आज ऋतुओं का राजा आया
आया आया बसंत लहराता
गुनगुनता मुस्कुराता
लाखों रंगो ने रंग जमाया
आज ऋतुओं का राजा आया
छाया धरती पे ये यौवन छाया
आज ऋतुओं का राजा आया
मौसम सुहाना है रुत है बसंती
रसिया तुम है तो मैं हुई रसवन्ती
कलियों की गलियों में भवारों की टोली
तू मेरा हो जा रे मैं तेरी हो ली
प्राण कहे तू तू ना रहे मैं ना राहु
रस रंग भरे तन मन को नहलाया
तन मन को नहलाया
कोयल ने संदेश सुनाया
आज ऋतुओं का राजा आया
छाया धरती पे ये यौवन छाया
आज ऋतुओं का राजा आया
आ आ आ आ आ आ आ आ
बेलों से लिपटी है प्यासी लटाएँ
हस हस के बिरहन के मन को सताए
सखिया हिलमिल के खुशियाँ मनाए
हम किससे मिलने के बतियां बनाए
गाती रही इतराती रही बलखाती रही
दुखपाती रही वो छलिया नही आया
वो छलिया नही आया
इस रुत ने हमें तरसाया
आज ऋतुओं का राजा आया
छाया धरती पे ये यौवन छाया
आज ऋतुओं का राजा आया