Aaj Is Khat Mein Nai Baat

AISH KANWAL, MAQBOOL-IQBAL HUSSAIN

आज इस ख़त में नई बात तुम्हें लिखता हूँ
आज इस ख़त में नई बात तुम्हें लिखता हूँ
एक शायर के ख़यालात तुम्हें लिखता हूँ
आज इस ख़त में नई बात तुम्हें लिखता हूँ

मुझ को मालूम ये है; गैर का अरमान हो तुम
चंद लम्हे को जो आए हो वो मेहमान हो तुम
उलझे-उलझे से सवालात तुम्हें लिखता हूँ
आज इस ख़त में नई बात तुम्हें लिखता हूँ
एक शायर के ख़यालात तुम्हें लिखता हूँ
आज इस ख़त में नई बात तुम्हें लिखता हूँ

अपनी वीरान मोहब्बत को सजाने के लिए
कितनी माँगी थी दुआएँ तुम्हें पाने के लिए
कैसे पुर-कैफ़ थी वो रात, तुम्हें लिखता हूँ
आज इस ख़त में नई बात तुम्हें लिखता हूँ

मेरे हमदम, मेरे साथी, मेरे ग़मख़ार कहो
क्या इसी तरह मिलोगे मुझे हर बार, कहो
जो ना लिखनी थी वही बात तुम्हें लिखता हूँ
आज इस ख़त में नई बात तुम्हें लिखता हूँ
एक शायर के ख़यालात तुम्हें लिखता हूँ
आज इस ख़त में नई बात तुम्हें लिखता हूँ

Curiosidades sobre la música Aaj Is Khat Mein Nai Baat del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Aaj Is Khat Mein Nai Baat” de Mohammed Rafi?
La canción “Aaj Is Khat Mein Nai Baat” de Mohammed Rafi fue compuesta por AISH KANWAL, MAQBOOL-IQBAL HUSSAIN.

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