Jannat

RAJU SINGH

तेरे पलको के साए में
मेरी जन्नत है हाए रे
तेरी आँखों से बातें हम
करें तो क्या हो जाए रे

तुम्हारे थे तुम्हारे है
तेरी बातों के मारे है
लबों पे लफ्ज़ जो मेरे
मुझसे ज़्यादा तुम्हारे है

तेरे पलकों के साए में
मेरी जन्नत है हाए रे
तेरी आँखों से बातें हम
करें तो क्या हो जाए रे

भला क्यूँ फूल खिल उठते
तेरी एक ही झलक से है
भला क्यू ये हवायें भी
तेरे पीछे भटकते है

तुम्हारे थे तुम्हारे है
तेरी बातों के मारे है
लाबो पे लफ्ज़ जो मेरे
मुझसे ज़्यादा तुम्हारे है

तेरे पलको के साए में
मेरी जन्नत है हाए रे
तेरी आँखों से बातें हम
करें तो क्या हो जाए रे

Curiosidades sobre la música Jannat del Mitraz

¿Quién compuso la canción “Jannat” de Mitraz?
La canción “Jannat” de Mitraz fue compuesta por RAJU SINGH.

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