Udd Jaa Kaale Kaava [Palak Muchhal]
Palak Muchhal
उड़जा काले कावा तेरे मुँह विच खंड पावां
उड़ जा काले कावा तेरे
मुँह विच खंड पावां
ले जा तू संदेशा मेरा
मैं सदके जावां
बागों में फिर झूले पड़ गए
पक गईयां मिठिया अमिया
ये छोटी सी ज़िंदगी ते
रातां लंबियां लंबियां
ओ घर आजा परदेसी
के तेरी मेरी एक जिंदड़ी
ओ घर आजा परदेसी
के तेरी मेरी एक जिंदड़ी
आ आ हा हा हो हो हो हो
छम छम करता आया मौसम
प्यार के गीतों का हो हो
छम छम करता आया मौसम
प्यार के गीतों का
रस्ते पे अँखियाँ रस्ता देखें
बिछड़े मीतों का
सारी सारी रात जगाएं
मुझको तेरी यादें
मेरे सारे गीत बने
मेरे दिल की फरियादें
ओ घर आजा परदेसी
के तेरी मेरी एक जिंदड़ी
ओ घर आजा परदेसी
के तेरी मेरी एक जिंदड़ी
हम्म हम्म हो हो हो हो