Naina Ki Talwar
करके हार श्रीनगर नार वा
पनघट कानी चार चली
करके हार श्रीनगर नार वा
पनघट कानी चार चली
बाजी पायल, कारगी घायल
नैना की तलवार चली
तेरी बाजी पायल, कारगी घायल
नैना की तलवार चली
हन करके हार श्रीनगर नार वा
छ्होरी तू छ्होरी ना घनी अंघाई
लेके तू टेम में बनी बनाई
छ्होरा के छ्होलके चली तू पार
बस्ती की छ्होरी ने करी तबाही
छ्होरा ने टेम दे, रहें दे,
रहें दे या ते फिर गाल ते
आना जाना छ्चोड़, मरोड़ मैं पाते सर
छ्होरा की लागे फिर
ग्लास, रात में बाजे फिर
ग्लास, खाट पे ताके फिर
गिने-गिने गिनाए तारे
छ्होरी करे उजाड़ मैं चाड़े
टानू कितने ही फिल्टर फेड
छ्होरा करे डीड फिर कादे
टन-ने देख-देख लिखे लेख वेख
तेरी देख रेख का जिम्मा ले
टक्के वेट डटे का करे लाते ना
खेत-वेट मैं रे चिंता में
चिंता में छ्होरा निपटा ले
सारे काम काज पड़े मिंता में
एक तो तेरी पायल खनके
घोले ज़हेर तू नागण से
लेवे टेम ना आइब छ्होरी
तू रोकका करले फाग़न मैं
आंखँ के जिब्ब पट्ट खोले
लागे गोली धुआँ धाड़ चली
बाजी पायल, कारगी घायल,
नैना की तलवार चली,
बाजी पायल, कारगी घायल,
नैना की तलवार चली,
हन करके हार श्रीनगर नार वा
वो पास हैं पर लकीरें आधी-आधी लगती है
सूरत सोई और सीरत जागी जागी लगती है
उसके चेहरे को देखूं तो इनकार दिखता है
निगाहों में झानकुन तो राज़ी-राज़ी लगती है
जो उसे देख लून तो साँसें तम्म सी जाती है
जो ना देखूं तो धड़कन भागी-भागी लगती है
छ्होरी झुमका पायल पहर नशीली लागे है
छ्होरा बिन पिए मदहोश, कोई सकी वाकई लगती है
छ्होरा बिन पिए मदहोश, कोई सकी वाकई लगती है
बाजी पायल, कारगी घायल
नैना की तलवार चली
हन करके हार श्रीनगर