Haraam
दुनिया के निज़ाम में
थोड़े अच्छे काम में
मज़ा जीने का आता है
मेरे शहेर की शाम में
सलाम दे अच्छी सोच को
जो बदनाम है विराम है
मुझे मिला ये इनाम है
गुमनाम है
लिखा जो भी सॅचा ये पैगाम है
तेरा काम अब नीलाम है
मचा दिल मे कोहराम है
झूठा तेरा मकाम है
तभी तो तू नाकाम है
इश्स खेल का कड़वा जाम है
होना जो क़त्ले-आम है
हराम है
वो सोच सारे आम
मेरा काम मेरा नाम
ये अवाम चक्का जाम
दिल को थाम डेल ध्यान
तू इंसान ना भगवान ना शैतान
है किसान जो महान है आसान
लेले ज्ञान मेरी मान
सब समान ले चलान कर भुगतान
झूठी शान की थकान
सावधान हिन्दुस्तान!
उमीद रोशनदन सबका एक हे अंजाम
होना है राम नाम
तो होना क्यूँ परेशन है बेकार में
दिलों क बेज़ार में
ज़िंदगी रुकेगी ना चढ़ाव में
उतार में कतार में
कटोरा लेके खड़े इंतेज़ार में
अफ़सोस किस बात का
मुर्दों के शिकार में
अख़बार में
सुबा सुबा मची खलबली
अब बात मेरी चली
मेरी बात है निराली
हर रात है दीवाली
अभी कहाँ बेटा तेरी बाला टली
हिप-होप की हवा थी अब
तूफ़ान आएगा
हर गली
तूफान आएगा
दिल मेरा अफ़लातून कड़वा ज़ुबान का
आँखों पर सील गये पर्दे जो
उतारना मई जनता
ना मानता रिवाज़ों मे मई महानता
कातों की राहों पर क्या दौड़ना आसान था
एक टाइम था जब देश के जवानो मे नाम था
कोई भगत, कोई आज़ाद
कोई अशफ़ाक़ उल्लाह ख़ान था
ना हिंदू मुसलमान था
मज़हब नही मकाम था
क्या अच्छा समय वही था
जब देश ये गुलाम था
सावधान हिन्दुस्तान