Zaalim Ke Aitbaar Mein
ज़ालिम के ऐतबार में
लज़्ज़त हैं क्या करूँ
ज़ालिम के ऐतबार में
लज़्ज़त हैं क्या करूँ
ज़ालिम के ऐतबार में
लज़्ज़त हैं क्या करूँ
आँखों को इंतज़ार की
आदत हैं क्या करूँ
ज़ालिम के ऐतबार में
लज़्ज़त हैं क्या करूँ
आँखों को इंतज़ार की
आदत हैं क्या करूँ
ज़ालिम के ऐतबार में
लज़्ज़त हैं क्या करूँ
मुँह से निकल गया था
मुँह से निकल गया था
मुँह से निकल गया था
मुँह से निकल गया था
वाफाओ का शुक्रिया
मुँह से निकल गया था
वाफाओ का शुक्रिया
उस दिन से बेवफा को
शिकायत हैं क्या करूँ
उस दिन से बेवफा को
शिकायत हैं क्या करूँ
आँखों को इंतज़ार की
आदत हैं क्या करूँ
ज़ालिम के ऐतबार में
लज़्ज़त हैं क्या करूँ
मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ
इश्क़ मुकामल्ला फरेब हैं
मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ
इश्क़ मुकामल्ला फरेब हैं
लेकिन फरेब खाने की
आदत हैं क्या करूँ
लेकिन फरेब खाने की
आदत हैं क्या करूँ
आँखों को इंतज़ार की
आदत हैं क्या करूँ
ज़ालिम के ऐतबार में
लज़्ज़त हैं क्या करूँ
मैं जानता हूँ
इश्क़ मुकामल्ला फरेब हैं
मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ
इश्क़ मुकामल्ला फरेब हैं
लेकिन फरेब खाने की
आदत हैं क्या करूँ
लेकिन फरेब खाने की
आदत हैं क्या करूँ
आँखों को इंतज़ार की
आदत हैं क्या करूँ
ज़ालिम के ऐतबार में
लज़्ज़त हैं क्या करूँ