Zindagi Sahara Bhi Hai

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

ज़िंदगी सेहरा भी है और ज़िंदगी गुलशन भी है
ज़िंदगी सेहरा भी है और ज़िंदगी गुलशन भी है
प्यार में खो जाओगे तो
प्यार में खो जाओगे तो ज़िंदगी मधुबन भी है
ज़िंदगी सेहरा भी है और ज़िंदगी गुलशन भी है

रात मिट जाती है होता है सवेरे का जनम
धीरे-धीरे टूट जाता है अंधेरों का भी दम
हँसते सूरज की तरह से
हँसते सूरज की तरह से ज़िंदगी रोशन भी है
ज़िंदगी सेहरा भी है और ज़िंदगी गुलशन भी है

पार उतरेगा वही खेलेगा जो तूफ़ान से
मुश्किलें डरती रहीं हैं नौजवाँ इन्सान से
मिल ही जाएंगे सहारे
मिल ही जाएंगे सहारे ज़िंदगी दामन भी है
ज़िंदगी सेहरा भी है और ज़िंदगी गुलशन भी है
प्यार में खो जाओगे तो
प्यार में खो जाओगे तो ज़िंदगी मधुबन भी है
ज़िंदगी सेहरा भी है और ज़िंदगी गुलशन भी है

Curiosidades sobre la música Zindagi Sahara Bhi Hai del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Zindagi Sahara Bhi Hai” de Lata Mangeshkar?
La canción “Zindagi Sahara Bhi Hai” de Lata Mangeshkar fue compuesta por Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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