Zalim Zamane Ne Itna Sataya Hai

Gulshan Bawra

ज़ालिम ज़माने ने इतना सताया है
रोने लगी ज़िन्दगी ग़म मुस्कुराया है
हो ज़ालिम ज़माने ने इतना सताया है
रोने लगी ज़िन्दगी ग़म मुस्कुराया है
हो ज़ालिम ज़माने ने

फूटी मेरी क़िस्मत टूटे सभी सपने
हो फूटी मेरी क़िस्मत टूटे सभी सपने
गैरों से शिक़वा क्या करें लूट गए अपने
अपना जिसे समझे उसने मिटाया है
रोने लगी ज़िन्दगी ग़म मुस्कुराया है
हो ज़ालिम ज़माने ने

आँसू मेरे कब तक देंगे सहारा मुझे
हो आँसू मेरे कब तक देंगे सहारा मुझे
तू ही सहारा ऐ मौत दे रो-रो पुकारा तुझे
जीने से भी अब तो जी घबराया है
रोने लगी ज़िन्दगी ग़म मुस्कुराया है
हो ज़ालिम ज़माने ने इतना सताया है
रोने लगी ज़िन्दगी ग़म मुस्कुराया है
हो ज़ालिम ज़माने ने

Curiosidades sobre la música Zalim Zamane Ne Itna Sataya Hai del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Zalim Zamane Ne Itna Sataya Hai” de Lata Mangeshkar?
La canción “Zalim Zamane Ne Itna Sataya Hai” de Lata Mangeshkar fue compuesta por Gulshan Bawra.

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