Woh Aaye Woh Baithe
वो आए वो बैठे
वो आए वो बैठे
मुझको प्यार से देखा ऐसे
भावरा काली को देखे जैसे
अब ये बात काहु मई कैसे
मैने कुच्छ ना कहा
मैने कुच्छ ना कहा
वो आए वो बैठे
मेरा अंग नज़र से च्चिना
मेरा तर तर कपा मान थमा
मेरे मुखेडे पे लत बिखराई
मेरी नस नस ने ली अंगड़ाई
मई शरम से खुल गयी ऐसे
जलती धूप मे सबनम जैसे
अब ये बात काहु मई कैसे
मैने कुच्छ ना कहा
मैने कुच्छ ना कहा
वो आए वो बैठे
उनको देखा तो देखती ही रह गयी
मई तो सपनो को नादिया मे बह गयी
जब मुझको गले से लगाया
तब याद मुझ ये आया
मई भी कितनी दीवानी
कैसी कर बैठी नादानी
लेकिन दिल ने बात ना मानी
मैने कुच्छ ना कहा
मैने कुच्छ ना कहा
वो आए वो बैठे
वो आए वो बैठे
मुझको प्यार से देखा ऐसे
भावरा काली को देखे जैसे
अब ये बात काहु मैं कैसे
मैने कुच्छ ना कहा
मैने कुच्छ ना कहा
वो आए वो बैठे