Suraj Utra Bindiya Mein
सूरज उतरा बिन्दिया में कौन
कौन है तेरी निन्दिया में कौन
मुझको जगाकर पूछ रही है
एक किरण मतवाली
सूरज उतरा बिंदिया में
कौन है तेरी निन्दिया में
कौन है तेरी निन्दिया में
मुझको जगाकर पूछ रही है
एक किरण मतवाली
सूरज उतरा बिंदिया में
मेरी पवन सहेली चलि कभी न अकेली
मुझे संग संग अपने उडाये रे
मेरी पवन सहेली चलि कभी न अकेली
मुझे संग संग अपने उडाये रे
खिली बगिया सुहानी रुत करे छेडख़ानी
मैं भी करूँ मनमानी
जिया जाए रे जिया जाए रे
जिया जाए रे कांटे रख दूँ
कांटों में फूल उठा लूँ फूलों से
फूल उठा लूँ फूलों से तितली बनकर
सारी खुशबु मैंने आज उड़ा ली
सूरज उतरा बिंदिया में
नाचे धुप नाचे छाओ
नाचे मेहंदी वाले पाँव
ठंडे पानी में उतरी जवानी रे
नाचे धुप नाचे छाओ
नाचे मेहँदीवाले पाँव
ठंडे पानी में उतरी जवानी रे
धोया रूप की कली को घोला आग की डली को
जब आग आग हुआ सारा पानी रे
सारा पानी रे सारा पानी रे
लहरों में रास रचि
अंग अंग को प्यास लगी
अंग अंग को प्यास लगी
अपने बदन की अग्नि पि कर
दुनि अगन जगा ली
सूरज उतरा बिन्दिया में