Sulag Uthi Dil Ki Lagi
सुलग उठी दिल की लगी
जलते हैं परवाने
रोती है तक़दीरें
हँसते हैं अफ़साने
सुलग उठी दिल की लगी
जलते हैं परवाने
इक आँधी ऐसी भी
इस दिल पर छायी है
इक आँधी ऐसी भी
इस दिल पर छायी है
अपनों का ज़िक्र ही क्या
जलते हैं बेगाने
सुलग उठी दिल की लगी
जलते हैं परवाने
शाम भी है
जज़्बे भी दिल भी है
मस्ती भी शाम भी है
जज़्बे भी दिल भी है
मस्ती भी आ भी जा
तेरी राह तकते हैं वीराने
सुलग उठी दिल की लगी
जलते हैं परवाने
रोती हैं तक़दीरें
हँसते हैं अफ़साने
सुलग उठी दिल की लगी
जलते हैं परवाने