Sawan Ke Jhule Pade

Bharat Vyas, Vasant Desai

हो होह ओहो
कहाँ छुपे हो मन के मितवा नैना भए उदास
छलक रहा है सुख का सागर हम प्यासे के प्यासे
हो हो
सावन के झूले पढ़े, सावन के झूले पड़े
सैंया जी हमें तुम कहाँ भूले पड़े

दे नैना जो तुमसे लड़े गोरी जी
तोरी पलकन के नीचे खड़े

सावन के झूले पढ़े

तुम नहीं आए हमको भूले
हमरे अँगना फुलवा ना फूले
हमको अकेली देख सहेली
कहती है क्यूँ ना खिलती चमेली
बेलरिया ना मंडवे चढ़े
सैंया जी हमें तुम कहाँ भूले पड़े

दे नैना जो तुमसे लड़े गोरी जी
तोरी पलकन के नीचे खड़े

सावन के झूले पड़े

ओ ओ

तोरे दिल में हमरा दिल है
जैसे तोरे नैन में तिल है
हमरे मिलन बिन ये मनभावन
सावन भी तो क्या है सावन

पीपल के पतवे झड़े ओ
ये तोरे-मोरे जब तक ना नैना लड़े

सावन के झूले पढ़े (सावन के झूले पढ़े)

ओ ओ

Curiosidades sobre la música Sawan Ke Jhule Pade del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Sawan Ke Jhule Pade” de Lata Mangeshkar?
La canción “Sawan Ke Jhule Pade” de Lata Mangeshkar fue compuesta por Bharat Vyas, Vasant Desai.

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