Raat Gun Gunati Hai Loriya Sunati Hai
रात गुनगुनती है लोरिया सुनती है
रात गुनगुनती है
निंद क्यों नहीं आती क्यों नहीं आती
क्यों नहीं आती, रात गुनगुनती है
जिंदगी ने छोड़ा है जाने कैसे मंजिल पर
जिंदगी ने छोड़ा है
मिट्टी है उबरती है बेकरिया दिल में
मिट्टी है उबरती है बेकरिया दिल में
ख्वाब क्यों हुए घायल ऐ मेरे परेशा दिल
ख्वाब क्यों हुए घायल
निंद क्यों नहीं आती क्यों नहीं आती
रात गुनगुनती है
रात या तन्हाई सोया अपने शुरू
रात या तन्हाई
कौन है यह ऐ दिल दुख तेरा जो पहचानने
कौन है
कौन है यह ऐ दिल दुख तेरा जो पहचानने
रंज-ओ-दर्द के मारे
सो भी जा, सो भी जा, सो भी जा मेरे प्यारे
रंज-ओ-दर्द के मारे
निंद क्यों नहीं आती क्यों नहीं आती
रात गुनगुनती है लोरिया सुनती है
रात गुनगुनती है