O Aasman Ke Baasi
ओ आसमाँ के बासी
तुझपे पानी भरी बदरिया
तुझपे पानी भरी बदरिया
सारी दुनिया प्यासी
ओ आसमाँ के बासी
एक नज़र से देखनेवाले
क्यूँ दो बाग़ लगाए
एक नज़र से देखनेवाले
क्यूँ दो बाग़ लगाए
एक बिना माली के सूखा
एक सदा लहराये
एक और खुशियों का मेला
दूजी और उदासी
ओ आसमाँ के बासी
तुझपे पानी भरी बदरिया
तुझपे पानी भरी बदरिया
सारी दुनिया प्यासी
ओ आसमाँ के बासी
मैने जो भी दिया जलाया तूने उसे बुझाया
मैने जो भी दिया जलाया तूने उसे बुझाया
काले बादल की चादर में हँसता चाँद च्छुपाया
देख ना पाया लाबो पे मेरे तू मुस्कान ज़रा सी
ओ आसमान के बासी