Na Hanso Hampe

Madan Mohan, Rajinder Krishnan

न हंसो हम पे ज़माने के हैं ठुकराए हुए
दर बदर फिरते हैं तकदीर के बहकाये हुए
न हंसो हम पे ज़माने के हैं ठुकराए हुए

क्या बतायें तुम्हे कल हम भी चमन वाले थे
क्या बतायें तुम्हे कल हम भी चमन वाले थे
यह न पूछो की है वीराने में क्यों आये हुए
न हंसो हम पे ज़माने के हैं ठुकराए हुए

बात कल की है कि फूलों को मसल देते थे
बात कल की है कि फूलों को मसल देते थे
आज काँटों को भी सीने से हैं लिपटाये हुए
न हंसो हम पे ज़माने के हैं ठुकराए हुए

ऐसी गर्दिश में न डाले कभी किस्मत तुम को
ऐसी गर्दिश में न डाले कभी किस्मत तुम को
आप के सामने जिस हाल में हैं आये हुए
न हंसो हम पे ज़माने के हैं ठुकराए हुए

एक दिन फिर वही पहली सी बहारे होंगी
एक दिन फिर वही पहली सी बहारे होंगी
इसी उम्मीद पे हम दिल को हैं बहलाये हुए
न हंसो हम पे ज़माने के हैं ठुकराए हुए
दर बदर फिरते हैं तकदीर के बहकाये हुए

Curiosidades sobre la música Na Hanso Hampe del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Na Hanso Hampe” de Lata Mangeshkar?
La canción “Na Hanso Hampe” de Lata Mangeshkar fue compuesta por Madan Mohan, Rajinder Krishnan.

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