Maano To Main Ganga Maa Hoon [Part - I]
मानो तोह मैं गंगा माँ हूँ
न मानो तो बहता पानी
मानो तोह मैं गंगा माँ हूँ
न मानो तो बहता पानी
जो स्वर्ग ने दी धरती को
जो स्वर्ग ने दी धरती को
मै हूँ प्यार की वही निशानी
मानो तोह मैं गंगा माँ हूँ
न मानो तो बहता पानी
युग युग से मै बहती आई
नील गगन के नीचे
सदियों से मेरी धारा
प्यार की धरती सींचे
मेरी लहर लहर पे लिखी है
मेरी लहर लहर पे लिखी है
इस देश की अमर कहानी
मानो तोह मैं गंगा माँ हूँ
ना मानो तो बहता पानी
हरी ॐ
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ
अल्ला हू अकबर अल्ला
अल्ला हू अकबर अल्ला
अल्ला हू अकबर अल्ला
कोई वजु करे मेरे जल से
कोई वजु करे मेरे जल से
कोई मूरत को नहलाये
कही धोबी कपड़े धोए
कही पंडित प्यास बुझाए
ये जात धर्म के झगड़े
ये जात धर्म के झगड़े
इंसान की है नादानी
मानो तोह मैं गंगा माँ हूँ
न मानो तो बहता पानी
हर हर गंगे हर हर गंगे
हर हर गंगे
गौतम अशोक अकबर ने यहाँ
प्यार के फूल खिलाए
तुलसी ग़ालिब मीरा ने यहाँ
ज्ञान के दीप जलाये
मेरे तट पे आज भी गूंजे
मेरे तट पे आज भी गूंजे
नानक कबीर की वाणी
मानो तोह मैं गंगा माँ हूँ
न मानो तो बहता पानी
मानो तोह मैं गंगा माँ हूँ
न मानो तो बहता पानी न मानो तो बहता पानी न मानो तो बहता पानी