Kya Khabar Thi
क्या खबर थी की मुहब्बत
में ये दिन आते है
जिसे हम अपना बनाते है
वो तड़पाते है
वो दिन कहाँ गए बता
वो दिन कहाँ गए बता
जब इस नज़र में
प्यार था प्यार था
वो दिन कहाँ गए बता
मैं ने तो कुछ कहा नहीं
जो यूँ निगाहें फेर ली
मैं ने तो कुछ कहा नहीं
वो रात याद है यही
किस्सा हुआ था प्यार का
वो दिन कहाँ गए बता
वो दिन कहाँ गए बता
आँखों में नींद थी मगर
सोए नहीं थे रात भर
आँखों में नींद थी मगर
सोए नहीं थे रात भर
दिल को लगा हुआ था डर
शाम सवेरा हो गया
वो दिन कहाँ गए बता
वो दिन कहाँ गए बता
जब इस नज़र में
प्यार था प्यार था
वो दिन कहाँ गए बता